💠🌟 *कथा* 🌟💠


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भेड़ियाँ आयाss भेड़ियाँ आयाss
पहाड़ियों के एक गाँव में गोलू नाम का एक चरवाहा लड़का था। बहोत शरारती लड़का था। उसके माँ-बाप उसे भेड़ और बकरियां चराने को पहाड़ी पर भेजते थे। पर उसे वह पसंद नहीं था। हररोज वह अपनी भेड़ और बकरियों को पहाड़ी पर चराने ले जाता था। और पहाड़ी के निचे गांव के लोग खेतों में काम करते थे। गोलू हररोज भेड़े देखकर ऊब गया था। तो उसने सोचा की कुछ शरारत करू। गोलू जोर से चिल्लाया, ” भेड़ियाँ आयाsss भेड़ियाँ आयाsss,”  लोगों ने गोलू की आवाज सुनी और तुरंत दौड़कर आ गए और उन्होंने देखा की वहां पर कुछ भी नहीं हुआ भेड़िया वगैरे कुछ भी नहीं था। लोग गोलू पर गुस्सा हो गए और गोलू उनका चेहरा देखकर हंसने लगा, अब उसे मजा आने लग गया।

दूसरे दिन गोलू फिर से पहाड़ों पर भेड़ – बकरियां चराने ले गया उसे फिर से लोगों का मजाक उड़ाने का मन किया, और वह फिर जोर-जोर से चिल्लाने लगा ” भेड़ियाँ आयाsss भेड़ियाँ आयाsss  कोई मदद करो,” खेतों में काम कर रहे गांव के लोगों को फिर से सच लगा की अब सच में भेड़िया आया होगा सब लोग लाठियां लेकर भाग कर पहाड़ों पर गए और फिर से देखा की वहां पर कोई नहीं था। अब लोगों ने उसे चेतावनी दे दी की अब अगर तू चिल्लाया तो हम नहीं आएंगे, और सब चले गये।

कुछ दिन के बाद गोलू पहाड़ पर भेड़ – बकरियां चरा रहा था, तब पहाड़ के दूसरे बाजु से एक भेड़ियों का झूंड आया और गोलू के भेड़ – बकरियों पर हमला किया तब गोलू जोर से चिल्लाने लगा भेड़ियों का झूंड आयाsss कोई मदद करो भेड़ियों का झूंड आयाsss कोई मदद करो, लेकिन गांव के लोगों को लगा गोलू अब भी मजाक कर रहा है उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया अपना काम करते रहे। फिर श्याम तक गोलू घर नहीं गया, उसके माँ – बाप परेशानी में पड़ गए, उन्होंने गांव के लोगों को बताया, सब लोग उसे ढूंढ़ने पहाड़ी पर आ गए वहां गोलू रो रहा था। गोलू रोते रोते बोला, “भेड़िये सच में आये थे, मेरी सारी भेड़ों को मारकर ले गए।” तब गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “तुम्हारे दो बार झूठ बोलने से लोगों का विश्वास तुम पर से उठ गया इसलिए तीसरी बार सच में भेड़िये आये तब लोग झूठ समज़कर नहीं आये और इसका फल तुम्हे मिल गया।”

बोध: बार – बार झूठ बोलने पर लोगों का विश्वास टूट जाता है, फिर वह सच बोलने लगेगा तब भी लोग झूठ ही समझेंगे।

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